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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और भारतीय सेना के बीच एमओयू, अनुसंधान एवं विकास को मिलेगा नया आयाम

➤ मुख्यमंत्री सुक्खू की उपस्थिति में प्रदेश विश्वविद्यालय और भारतीय सेना के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर
➤ ड्रोन तकनीक, साइबर सुरक्षा और हरित ऊर्जा पर होंगे संयुक्त शोध
➤ भारतीय सेना के कर्मियों को विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अवसर मिलेंगे


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला और भारतीय सेना के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर भारतीय सेना की ओर से ब्रिगेडियर अनुराग पांडे और प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह समझौता भारतीय सेना और विश्वविद्यालय के बीच एक सहक्रियात्मक साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य विविध क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास को सशक्त बनाना है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि एमओयू के अंतर्गत भारत-तिब्बत संबंधों पर संयुक्त ऐतिहासिक शोध, सीमावर्ती क्षेत्रों पर आर्थिक और विकासात्मक अध्ययन, ड्रोन प्रौद्योगिकी और ड्रोन-रोधी उपायों की खोज, साइबर सुरक्षा की सर्वोत्तम प्रथाओं का विकास और हरित ऊर्जा के प्रति जिम्मेदार पहलें शामिल की गई हैं।

उन्होंने कहा कि यह समझौता साझा संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ संकाय और कर्मचारियों के आदान-प्रदान के माध्यम से अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करेगा। एमओयू के तहत भारतीय सेना के कर्मियों को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में उच्च शिक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा और शिक्षा सचिव राकेश कंवर भी उपस्थित रहे।